स्वामी नारायण भगवान के पूर्वजों के जन्म स्थली ईटार पांडेय के पावन भूमि पर गुजरात से चल कर पहुंची त्यागी संत


सहजनवा तहसील अंतर्गत ग्राम सभा इटार पांडेय  से जुड़ी यह रहस्यमई बातें है लेकिन हकीकत है हम आपको बताते चलें सदियों पहले प्राचीन काल  में  बासी के राजा जब शिकार करने निकले थे। उस समय एक हिरण को अपना निशाना बनाय लेकिन हिरण भागते भागते बाबा टेक धर के पास जा पहुंचा। बाबा टेक धर ब्राह्मण परिवार के तपस्वी तेजस्वी एवं महान ऋषि थे। जब राजा ने ब्राह्मण ऋषि से हिरना को अपना शिकार बताया तो बाबा टेक धर हिरण के रक्षा के लिए। राजा से कहा हे राजन हम अपने प्राणों की आहुति दे देंगे लेकिन अपने जीते जी हिरण का शिकार होते हुए नहीं देख पाएंगे। यह सुनते ही राजा क्रोधित होकर के बाबा टेक धर के  महान गांव  ईटार पांडे को आग लगा कर जलवा दिए। और इसी कारण बस पूरा इटार पांडे गांव जलकर भस्म हो गया। और बासी के राजा को श्रापित कर दिये उसी कारण राजा का साथ पुस्त वंश बासी में नहीं चला। और भगवान टेक धर बाबा को बरम बाबा के नाम से जाना गया। कुछ वर्षों बाद राजस्व गांव इटार के पावन भूमि पर एक ऐसे वीर एक ऐसे एक ऐसे सन्यासी,पराक्रमी, वीर योद्धा ,का का जन्म हुआ जी ने पूरे विश्व में पूजा जाता है क्योंकि  भगवान स्वयं ईटार पांडेय की पावन धरती पर अवतार लिए थे। जिन्हें भगवान स्वामीनारायण के नाम से जाना जाता है। आज उसी पावन भूमि राजस्व गांव ईटार पांडेय पहुंची हैं। भगवान स्वामीनारायण के महान  त्यागी संत साध्वी।  और त्यागी संतो ने भगवान स्वामीनारायण के पूर्वजों को सम्मानित भी किये और  खाद्य सामग्री। छाता अंग वस्त्र, सहित दक्षिणा भी भेंट किए भगवान स्वामीनारायण और इटार गांव  के सूर्य वीर, तेजस्वी, पराक्रमी, महाबली, भगवान श्री स्वामीनारायण के बारे में जानकारी भी दिए। भगवान स्वामीनारायण के पावन जन्मभूमि राजस्व गांव इटार पांडेय में  साध्वी त्यागी संतो ने बहुत ही हर्ष उल्लास के साथ जय स्वामीनारायण जय स्वामीनारायण की जाप भी  किए। वही साथ में त्यागी संतो ने ये भी कहा की ये वही महान गांव है जिस गांव के ब्राह्मण की गाथा पूरे विश्व में मशहूर है। जिस गांव में स्वयं भगवान ने अवतार लिया है।आज के लिए इतना ही।

रिपोर्ट....विवेक पांडेय